लाठी खाएं, गोली खाएं या यूं ही भूखे मर जाएं : दैनिक जनसंदेश टाइम्‍स में 28 अगस्‍त 2011 को प्रकाशित


महंगाई सचमुच में रो रही है : दैनिक भास्‍कर के रसरंग परिशिष्‍ट में 28 अगस्‍त 2011 को प्रकाशित


लाठी का जायका : दैनिक जनसत्‍ता में समांतर स्‍तंभ में 23 अगस्‍त 2011 को प्रकाशित


भ्रष्‍टाचार का पत्र ' अन्‍ना हमारे' को : दैनिक लोकसत्‍य में 23 अगस्‍त 2011 को प्रकाशित


पीएम जादूगर, बिना जादू की छड़ी के : दैनिक डीएलए में 23 अगस्‍त 2011 को प्रकाशित


पीएम क्‍या बोले, भ्रष्‍टाचार बोला : दैनिक जनवाणी में 23 अगस्‍त 2011 को प्रकाशित व्‍यंग्‍य


आखिर कब तक लुटती रहेगी जनता



अन्ना हजारे के नाम पर भी हो रही है ठगी

रानी (राजस्थान) २० अगस्त २०११
एक तरफ जहां पूरा समाज अन्ना हजारे के साथ जुट गया है वहीँ दूसरी ओर मोबाइल कंपनिया लोगो को लूट रही है
मुझे एक सन्देश मिला
Sender DD-ANNA
Dial *234*52# aur Payein Anna Hazare se judi tazza khabrein rs.10/10 days

हमने भी ये पैक शुरू करवा लिया देखिये सन्देश क्या आ रहे हैं

Day -1 19.08.2011
Massage 1 Sender Anna Lokpb
1. Anna launches protest from ramlila maidan.
2. My strenght is youth: Anna
3. Will not leave till Lokpal bill is introduced : Anna
source : NDTV (04.36.17 PM)

Massage 2 Sender Anna Lokpb
1. Mumbai dabbawalas take day off for anna.
2. kaart announces nationwide protest
3. lost 3 kgs, but fight has just began: Anna
source NDTV (06.36.09 PM)

Day-2 (20.08.2011)
Massage 1 Sender Anna Lokpb
1. Torch of revolution has been lit: Anna.
2. He is the leader not the mask: Team Anna.
3. Do not debate lokpal on streets : Yeddy
Source: NDTV (10.23.19 AM)

Massage 2 Sender Anna Lokpb
1. Devotional songs,slogans echo at ramlila maidan.
2. govt mulls options on annas deadline
3. will not give up, says anna

Source NDTV (02.36.17 PM)

Massage 3 Sender Anna Lokpb
1. Committed to strong lokpal :PM
2.Public opinion sought on lokpal bill
3. anna hazare ups ante, government, congress hit back
Source NDTV (04.36.48 PM)


Massage 4 Sender Anna Lokpb
1. Open to discussion on Lokpal :PM
2.No time limit can be specified on lokpal bill : Congress
3. Want nationwide consensus on Lokpal: PM
Source NDTV (06.36.27 PM)


Day-3(21.08.2011)
Massage 1 Sender Anna Lokpb
1. Annas august 30 deadline unrealistic:Congress
2.Annas health stable :Doctors
3.Have to break chain of corruption: Anna
Source: NDTV (10.22.19 AM)


चलिए ये थे सन्देश
माना की ये प्रतिदिन की १ रूपये में महँगी सेवा नहीं है मगर ये कम्पनिया तो कम रही है ना हम लोगो की भावना के साथ खेलकर

जैसा की राजीव तनेजा जी ने अपनी पोस्ट में लिखा है उसका लिंक दे रहा हूँ
नतीजा फिर भी वही…ठन्न…ठन्न…. गोपाल-राजीव तनेजा




Anna Hajare is Anna Karore now

कल 16 अगस्त 2011 को अन्ना हजारे द्वारा जे पी पार्क में जो धरना व अनशन करना प्रस्तावित था। उससे पूर्व ही उन्हें गिरफ्तार करके दिल्ली पुलिस ने सत्ता के साथ अपने रिश्तो की मजबूती दर्शाई । फिर दिन भर आरोप प्रत्यारोप लगते रहे और अन्ना के पक्ष मंे बढते जनाधार व सत्ता के प्रति बढते जनाक्रोश के चलते सरकार ने आखिर में उनकी रिहाई का मन बना लिया। उसे देखकर लगता है कि सत्ता आज संविधान से भी अधिक महत्वपूर्ण हो गई हैं।
आखिर श्री राहुल गांधी को क्या हक हैं कि वह किसी की रिहाई या बंदी बनाने के फैसले की प्रकिया में शामिल हो सकें।
फिर देखें कि कितना जनबल अन्ना के साथ आ गया। कि इन्हें अन्ना हजारे नही अन्ना करोडे कहा जाना चाहिए।
आप सभी पाठकों से मेरा अनुरोध हैं कि अपने स्थानीय सांसद, प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति के नाम अन्ना के लोकपाल बिल के संबंध में एक एक पोस्टकार्ड जरूर भेजें। एवं कम से कम 10 लोगों को पोस्टकार्ड भेजने हेतु प्रेरित करें
पोस्टकार्ड में लिखे जाने वाले ज्ञापन का मैटर निम्न रखा जा सकता हैं।
सांसद को लिखा जाने वाला पत्र
हमने आपको अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए संसद में भेजा हैं। न कि उसे बढाने के लिए। शायद ये हमारी गलती हो गई।कृप्या कर हमने आपको चुनकर जो गलती कर दी उसकी और सजा हमें ना देवें। अरे इससे अच्छी तो गुलामी थी कम से कम हमें परेशान करने वाले पराये तो थे, अब तो अपने ही हमें घाव देने लगे हैं। ये काहे की आजादी हैं। ये तो सत्ता का हस्तांतरण हैं। इसमें ज्यादा तकलीफ है क्योंकि आप हमारे हैं और आप ही हमें परेशान करें। लोकपाल बिल पारित करावें।

भवदीयः
आपके व आपकी सरकार के जुल्मों की सताई, आजादी के बाद भी आपकी गुलाम, आपकी जनता


प्रधानमंत्री को लिखा जाने वाला पत्र
हमने आपको अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए जिन्हें संसद में भेजा था शायद ये हमसे उन्हें चुनने में गलती हो गई। क्यांेकि उन्होने आपको अपना नेता चुन लिया। और इस कारण से देष का बेडा गर्क हो गया हैं। कृप्या कर हमने आपको चुनकर जो गलती कर दी उसकी और सजा हमें ना देवें। अरे इससे अच्छी तो गुलामी थी कम से कम हमें परेषान करने वाले पराये तो थे, अब तो अपने ही हमें घाव देने लगे हैं। ये काहे की आजादी हैं। ये तो सत्ता का हस्तांतरण हैं। इसमें ज्यादा तकलीफ है क्योंकि आप हमारे हैं और आप ही हमें परेशान करें। लोकपाल बिल पारित करावें। अरे सिंह साहब शर्म करो, ऐसी भी क्या मजबूरी।

भवदीयः
आपके व आपकी सरकार के जुल्मों की सताई, आजादी के बाद भी आपकी गुलाम, आपकी जनता


राष्ट्रपति को लिखा जाने वाला पत्र
आप भारत के संविधान द्वारा निर्मित सर्वोच्च पद पर आसीन हैं। हम जानते हैं कि आपका पद केवल मात्र एक रबर की मोहर के समान हैं। आपके हाथ में कुछ नही हैं। मगर आपको जो विषेषाधिकार प्राप्त हैं, उनका प्रयोग करें और इस जनता को परेषान करने वाली सरकार को सुधारें। आपसे हमें यही उम्मीद हैं। क्या आप हमारी समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रयास करके हमारी उम्मीदों पर खरी उतरेंगी या अपने पूर्व परिवार (अपनी राजनैतिक पार्टी) एवं पूर्व मित्रों (नेतागणों) के साथ रहकर अपना फर्ज अदा करेंगी। और देष को बर्बाद होते देखना पसंद करेंगी। कृप्या कर आपको चुनकर जो गलती कर दी उसकी और सजा हमें ना देवें। लोकपाल बिल पारित करावें अरे इससे अच्छी तो गुलामी थी कम से कम हमें परेषान करने वाले पराये तो थे, अब तो अपने ही हमें घाव देने लगे हैं। ये काहे की आजादी हैं। ये तो सत्ता का हस्तांतरण हैं। इसमें ज्यादा तकलीफ है क्योंकि आप हमारे हैं और आप ही हमें परेशान करें।
भवदीयः
आपके व आपकी सरकार के जुल्मों की सताई, आजादी के बाद भी आपकी गुलाम, आपकी जनता