tag:blogger.com,1999:blog-72990543211862936.post1652043284005629625..comments2023-06-15T21:20:08.796+05:30Comments on छपन छपाई: वोट दो और मर जाओ : जनवाणी 25 दिसम्बर 2012 स्तंभ 'तीखी नजर' में प्रकाशित नुक्कड़http://www.blogger.com/profile/00641159955741972638noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-72990543211862936.post-60036600880944139372012-12-29T13:02:11.550+05:302012-12-29T13:02:11.550+05:30शुक्रिया त्रिपाठी जीशुक्रिया त्रिपाठी जीअविनाश वाचस्पति अन्नाभाईhttps://www.blogger.com/profile/15770245412497499292noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-72990543211862936.post-74553565288979238572012-12-29T13:01:49.384+05:302012-12-29T13:01:49.384+05:30मैंने तो किसी कमाल का कोई व्यंग्य चोरी नहीं किया...मैंने तो किसी कमाल का कोई व्यंग्य चोरी नहीं किया है और आप सीधे मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। आप पहले कमालश्री से पुष्टि तो कर लीजिए। अविनाश वाचस्पति अन्नाभाईhttps://www.blogger.com/profile/15770245412497499292noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-72990543211862936.post-43936768846080954622012-12-27T21:32:04.691+05:302012-12-27T21:32:04.691+05:30prabhavshali vyang ke sadar abhar ..prabhavshali vyang ke sadar abhar ..Naveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-72990543211862936.post-89264586115599950902012-12-26T01:16:24.192+05:302012-12-26T01:16:24.192+05:30वोट दो और मर जाओ!
वाह ! नेकी कर दरिया में डाल स...<b> </b> <br /><b>वोट दो और मर जाओ! </b> <br />वाह ! नेकी कर दरिया में डाल से आगे का दर्शन लगता है यह ... <br /><b> वोट देने से पहले नेता कहते हैं- वोटर मेरे दिल में रहते हैं। बाद में कहते हैं- ‘वोट दो और मर जाओ’<br /> खुद नहीं मरोगे तो मार दिए जाओगे। <br />इंडिया गेट पर पानी की फौहार से, <br />पुलिस के डंडों की धार से।</b> <br />बेड़ा गर्क हो इन बांगड़ुओं का <br />:(<br /><b> </b> <br /><b> आदरणीय अविनाश वाचस्पति जी </b><br /><b> </b> आपके व्यंग्य कमाल के होते हैं <br /><b> </b> :)<br />बधाई लगातार छपते रहने के लिए भी !<br /><b> </b><br /><b>नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाओं सहित… </b> <br />राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.com