tag:blogger.com,1999:blog-72990543211862936.post7565494556590281585..comments2023-06-15T21:20:08.796+05:30Comments on छपन छपाई: कसाब काटू मच्छर से मुन्नाभाई की फेसबुक पर चैटिंग : दैनिक पंजाब केसरी 20 नवम्बर 2012 को प्रकाशित नुक्कड़http://www.blogger.com/profile/00641159955741972638noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-72990543211862936.post-12572885795351585192012-11-28T05:07:59.390+05:302012-11-28T05:07:59.390+05:30ना उड़ा यूँ ठोकरों में, मेरी कसाब की खाके कब्र जाल...ना उड़ा यूँ ठोकरों में, मेरी कसाब की खाके कब्र जालिम,<br />बस येही एक रेह गई हे , मेरे इंतेकाम की निशानी,,,,,<br />अब अगले निशाने पर गृह मन्त्री होंगे,<br />जिसने मेरी कामयाबी पे अपनी मुहर लगाई,<br />मेरे डंख से बचा ना पायेगी, उसे विदेशी लुगाई,<br />ये हे कास्बा को काटने वाले मच्छर की रूबाई,<br />जो इसे गायेगा वो ही जान बचा पायेगा,<br />वरना कसाब की तरहा मरेगा डेंगू से, फिर रस्से पे जुलाया जायेगा,mukeshjoshihttps://www.blogger.com/profile/01358898929252230219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-72990543211862936.post-33220904655457631772012-11-25T05:25:38.550+05:302012-11-25T05:25:38.550+05:30जय तो उन मच्छर महाशय की जो फेसबुक पर अवतरित होकर ...जय तो उन मच्छर महाशय की जो फेसबुक पर अवतरित होकर मुझसे रूबरू हुए। और उन पाठकों की जिन्होंने इसको इतना पसंद किया, इतना पसंद किया कि पसंद भी खुद को खूब पसंद करने लगी है। नुक्कड़https://www.blogger.com/profile/00641159955741972638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-72990543211862936.post-68014859746855187042012-11-22T21:40:57.383+05:302012-11-22T21:40:57.383+05:30respected anna sir, maza aa gaya.kya vartalap hai....respected anna sir, maza aa gaya.kya vartalap hai.<br />apaki jai ho<br />warm regards,<br />chandan<br />DREAMMERCHANThttps://www.blogger.com/profile/03717804128099922128noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-72990543211862936.post-33090099033069497722012-11-22T16:27:10.821+05:302012-11-22T16:27:10.821+05:30जी धन्यवाद, पहुंचता हूं आपकी स्वर्णवाल पर।जी धन्यवाद, पहुंचता हूं आपकी स्वर्णवाल पर।नुक्कड़https://www.blogger.com/profile/00641159955741972638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-72990543211862936.post-89033126701059150272012-11-22T15:26:24.793+05:302012-11-22T15:26:24.793+05:30:)
अविनाश जी
बेहतरीन !
वाऽह ! क्या ... <b> </b><br /><b> </b> <br /><b> </b>:)<br /><b> </b> <b> अविनाश जी </b> <br /><b> </b><br /><b> </b> <b> </b>बेहतरीन ! <br />वाऽह ! क्या बात है !<br /><b> </b> <b> </b>अच्छा सामयिक व्यंग्य है, पढ़ कर आनंद आया … :)<br /><b>पिछले दिनों एक कानूनप्रिय मंत्री पर तुम्हारी खून चूसने की आदत का असर देखा गया और उसने खुलासामैन को उसका लहू पी जाने का डर दिखलाकर डराने की पुरजोर कोशिश की। </b> <b> </b><br /><b> </b> एक क्या … हर शाख पॅ उल्लू बैठा है वाली बात है अब तो …<br /> <br /><b> </b> <br />मैंने भी लिखा …<br /><b> </b> <b> सोया शासन-तंत्र तब जागा मच्छर एक !<br />काम बुरे सौ-सौ किये , एक कर गया नेक !! </b> <br /><b> </b>पूरी कुंडली मेरी फेसबुक वाल पर … <br /><b> </b> :)<br /> <br /> <b>शुभकामनाओं सहित…</b>Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.com