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भ्रष्‍टाचार के मुंह पर अन्‍ना का जूता - डीएलए में 12 अप्रैल 2011 के अंक में प्रकाशित

कुट्टू का कोहराम कुट्टू के आटे ने कहर बरपा कर डाला. कुछ को जान से मारा और कइयों को घायल कर दिया. कुट्टू के कोहराम की खबरें सुर्खियों में हैं, चैनलों में सनसनी, वारदात जैसे कार्यक्रमों में उसके कारनामों का ढोल पीट-पीट कर टीआरपी बढ़ाई जा रही है. इस समय दो ही खबरें सुर्खियों में हैं जिसने क्रिकेट की कप विजय की खबर को भी करारी मात दे दी है. एक अन्ना दूसरे कुट्टू. विश्वस्त सूत्रों से खबर मिली है कि कुट्टू के आटे को सजा-ए-मौत सुनाई गई है. ऐसा एक सत्ता हथियाए नवोदित नेता ने आनन-फानन में बिना सोचे समझे जारी एक बयान में कहा है. उसने यह भी कहा है कि सभी चैनलों और मीडिया माध्यमों पर मेरे बयान को तुरंत प्रसारित कर दिया जाए, जिससे अन्य आटे सिर न उठा सकें. उसने मीडिया ब्लॉगों पर भी अपना बयान जारी करवाने की असफल कोशिश की है. कुट्टू के आटे को मौत की सजा सुनाए जाने से गेहूं के आटे के नेतृत्व में बाजरे, मकई, सिंघाड़े इत्यादि के आटे एकजुट होने लगे हैं, वे बुरी तरह नाराजगी प्रकट कर रहे हैं. सिंघाड़े के आटे का कहना है कि इंसानी करतूतों के लिए कुट्टू के आटे को सजा सुनाए जाने की इंसानी कूटनीति की निंदा की जाती है. मिलावट इंसान करता है और सजा हम मासूमों को मिलती है, जबकि हम तो सदा से व्रत हो या न हो, सभी दिन समस्त इंसानों के पेट की पूजा सभी रेटों में पवित्र भाव से करते रहे हैं. अनुभवी स्वास्थ्य मंत्री की कोशिश है कि कुट्टू के आटे को बचा लिया जाए क्योंकि इससे स्थिति बिगड़ने की संभावना है और उन्होंने कुट्टू के आटे के सेवन से हुई मौत को हाइपरटेंशन के नाम से जोड़ दिया है. बीमारियां तो पहले से ही इंसान की जान लेने के लिए यूं ही सदा बदनाम रही हैं. इधर कुट्टू का आटा दहशत में है और दुकानों से फरार हो गया है और औचक छापों में भी वो बरामद नहीं किया जा सका. लेकिन इतना तय है कि इस फरारी में अन्य आटों की मिलीभगत नहीं है. इंसान ने ही सबूत मिटाने के लिए इन्हें गायब करवा दिया होगा. होम मिनिस्टर की नाराजगी के कारण पुलिस के आला अधिकारी हरकत में आ गए हैं और ऐसी करामात कर बैठे हैं जिसके लिए वे सदा से ही बदनाम रहे हैं. उन्होंने गेहूं के ब्रांडेड आटों को इस लालच में गैर-कानूनी रूप से धर लिया है कि इससे या तो कुट्टू का आटा खुद ही सरेंडर कर देगा और उसने सरेंडर नहीं किया तो जिन कंपनियों के आटे हैं, उन कंपनियों से वे मोटी वसूली कर पायेंगे. पुलिस की इस कार्रवाई को पेड मीडिया के माध्यम से, नेताओं ने, अपने हालिया बयानों के जरिये एक बेहतरीन कार्रवाई बतलाया है और पुलिस के इस कदम की प्रशंसा के लिए, उस किस्म के पुल बांध दिये हैं जो तुरंत ही ढह भी जायेंगे. पर वे ऐसा करने के लिए इसलिए विवश हैं क्योंकि वे अन्ना हजारे को दिखला देना चाहते हैं कि भ्रष्टाचारी चाहे इंसान हो या आटा किसी को बख्शा नहीं जाएगा.

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