हिन्दी ब्लॉगिंग के विशाल संसार में मेरा छोटा सा छापाखाना
हा हा, ई-कन्फ्यूजन। स्वामी जी की साइट के स्थान पर हमारी साइट की फोटो लग गयी।ई-स्वामी हिन्दी ब्लॉगजगत के पहले छद्म-नामधारी ब्लॉगर थे। हम उन्हें फैंटम की तर्ज पर "चलता-फिरता प्रेत" कहते थे। उनका प्रिय अवतार है साँड।
पत्रिका ने सोचा होगा कि सांड नहीं, ऋषि की ही फोटो लगनी चाहिए। यही तो असली भारत है।
ऐसी कोई मंशा नहीं है कि आपकी क्रियाए-प्रतिक्रियाएं न मिलें परंतु न मालूम कैसे शब्द पुष्टिकरण word verification सक्रिय रह गया। दोष मेरा है लेकिन अब शब्द पुष्टिकरण को निष्क्रिय कर दिया है। टिप्पणी में सच और बेबाक कहने के लिए सबका सदैव स्वागत है।
हा हा, ई-कन्फ्यूजन। स्वामी जी की साइट के स्थान पर हमारी साइट की फोटो लग गयी।
जवाब देंहटाएंई-स्वामी हिन्दी ब्लॉगजगत के पहले छद्म-नामधारी ब्लॉगर थे। हम उन्हें फैंटम की तर्ज पर "चलता-फिरता प्रेत" कहते थे। उनका प्रिय अवतार है साँड।
पत्रिका ने सोचा होगा कि सांड नहीं, ऋषि की ही फोटो लगनी चाहिए। यही तो असली भारत है।
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