आतंकवाद की दुनिया अंधेरी हो गई है : दैनिक हिन्‍दी मिलाप 5 मई 2011 के अंक में पढि़ए

और दुनिया को लगता है
अंधेरे से डर
डरने वाला तो मरने से भी
डरता है
क्‍या करेगा
तख्‍ते-जि़गर
(जिसका जि़गर तख्‍त की तरह सख्‍त हो)
अंधेरे में तो
वो तख्‍त भी
टूट टूट जाएगा।

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