हिन्दी ब्लॉगिंग के विशाल संसार में मेरा छोटा सा छापाखाना
बरसात की बेबाक बयानी
डीएलए दिनांक 17 अगस्त 2010 के संपादकीय पेज पर तीर तुक्का स्तंभ में प्रकाशित
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ऐसी कोई मंशा नहीं है कि आपकी क्रियाए-प्रतिक्रियाएं न मिलें परंतु न मालूम कैसे शब्द पुष्टिकरण word verification सक्रिय रह गया। दोष मेरा है लेकिन अब शब्द पुष्टिकरण को निष्क्रिय कर दिया है। टिप्पणी में सच और बेबाक कहने के लिए सबका सदैव स्वागत है।
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