अविनाश वाचस्‍पति को हिंदी ब्‍लॉग जगत में बाधा डालने के आरोप में सजाए फांसी

बात चौंकने की नहीं
कुत्‍तों के भौंकने की है
आप सही पढ़ रहे हैं
जो लिखा है वही
अविनाश वाचस्‍पति को
नाम के आगे मुन्‍नाभाई
चस्‍पां करने का दोषी
पाया गया है  अतएव
हिंदी ब्‍लॉग जगत समुदाय
ने सजाए फांसी का फैसला
मुकर्रर किया है

जिस किसी को
हो आपत्ति
वह अपनी गर्दन
भी पेश करे
वरना यूं ही तर्क
कुतर्क पेश करके
समय और जाया करे।

5 टिप्‍पणियां:

  1. ओह! कैसी कैसी बातें हो जाती हैं ब्लॉग जगत में ......

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  2. आपत्ति है पैसे नहीं मिल रहे हैं इस टिप्पणी के 5000 और जोड़ लेना 20000 हो गये । वैसे जल्लाद भाई जी का नाम पता हो जाता तो अच्छा नहीं रहता क्या ? गर्दन चाहिये तो बता देना कौन से कोरियर से भेज दूँ ?

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  3. तेताला पर करना चाह रहा था टिप्पणी 5000 का नुकसान हो गया मेरे को । खुल ही नहीं रहा है।तेताला ताली बजा कर http://neocounter.neoworx-blog-tools.net/ पर भेज दे रहा है ।

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  4. तुमने किसी को मीठा खाकर मरते हुए देखा है - मधुमेह दिवस पर विशेष कविता अविनाश वाचस्‍पति
    >> गुरुवार, 13 नवंबर 2014
    तुमने किसी को
    मीठा खाकर
    मरते हुए
    देखा है

    देखो वह
    डरकर
    मीठे से
    कर रहा है
    परहेज

    खा रहा है मीठा
    रात को फ्रिज
    खोलकर
    फिर भी है
    जिंदा
    इै इसी धरती
    का बाशिन्‍दा

    नहीं खा रहा है मीठा
    इसलिए मीठी चीजों की
    देख लो जान जा रही है
    हलवाई डर रहा है
    सोच रहा है खोलूं
    नमकीन की दुकान

    पर नमकीन पकवान
    कौन खाएगा मेहरबान
    नमकीन खाकर भी
    तेल से उसकी जान
    जा रही है

    बचा लो उसे
    जिस पर हो रही है
    मधु की बरसात
    गंदे तेलों से मुलाकात

    जिसने मरना है
    उसे बचा नहीं सकता
    न भगवान
    न चमराज

    तुमने किसी को
    मीठा खाकर
    मरते हुए देखा है

    देख लो
    खा रहा हूं रोज
    मीठा
    चाहे दिन हो या रात
    फिर भी हूं जिंदा
    इस धरती का बाशिन्‍दा

    मीठा इस बात पर
    हो रहा है शर्मिन्‍दा।

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