वर्तमान पत्रकारिता को बाज़ारवाद से बचाना होगा : दैनिक हिंदी मिलाप 2 अक्‍टूबर 2012 अंक में प्रकाशित


1 टिप्पणी:

  1. गाँधी को हमने मोहरा बना लिया है ।बस केवल उनका नाम याद रखा है ।
    ...यह काम हर क्षेत्र में हुआ है ।

    जवाब देंहटाएं

ऐसी कोई मंशा नहीं है कि आपकी क्रियाए-प्रतिक्रियाएं न मिलें परंतु न मालूम कैसे शब्‍द पुष्टिकरण word verification सक्रिय रह गया। दोष मेरा है लेकिन अब शब्‍द पुष्टिकरण को निष्क्रिय कर दिया है। टिप्‍पणी में सच और बेबाक कहने के लिए सबका सदैव स्‍वागत है।