हजारीलाल ने देशहित में हज्‍जामी की कीमतें बढ़ायीं : जनसंदेश टाइम्‍स स्‍तंभ उलटबांसी 8 जनवरी 2013 में प्रकाशित



हजारीलाल हज्‍जाम ने नए बरस की शुभकामनाओं को ध्‍यान में रखकर हज्‍जामी की दरों में इजाफा किया है। इस पर उसका कहना है कि यह सीख उसे पीएम से मिली है। मैंने जब कहा कि तुम बहुत चटर-पटर करते हो, इस पर उसने अपना ज्ञान बघारा कि संविधान में ऐसी कोई व्‍यवस्‍था नहीं है कि आप मानोगे तो सभी बातें माननी पड़ेंगी और नहीं मानो तो एक भी बात मत मानो। वह बतला रहा है कि उसे पीएम का पैट्रोल, डीजल, गैस के रेट का बढ़ाने का फैसला नेक लगता है और इसी से प्रेरित होकर देश के विकास में हज्‍जामी के नेक कार्यों की दरों में बढ़ोतरी करके भागीदार बनेगा।  इस बाबत नियमानुसार वह प्रोफेशनल टैक्‍स भी भरेगा। यह देखो, कहकर उसने अपनी छपी हुई रसीद बुक भी दिखलाई, जिस पर सर्विस टैक्‍स नंबर छपा है। मतलब हजारीलाल अब तुम अपनी सेवाओं के लिए सर्विस टैक्‍स भी लिया करोगे। हां मुन्‍नाभाई और उसे सरकार के राजस्‍व में जमा भी करवाया करूंगा।
वैसे हजारीलाल की खास बात यह है कि वह अपने रोजगार को छोटा नहीं समझता। इसी कारण जब भी उसकी दुकान पर पहुंचो तो सभी कुर्सियां और बेंचें भरी हुई मिलती हैं। वह कह रहा है कि‍ अब वह कंप्‍यूटरीकृत बुकिंग की सुविधा मुहैया करवाएगा। मुझे लगा कि वह रेल और हवाई जहाज की टिकटों की बुकिंग किया करेगा किंतु उसने यह बतलाकर मुझे हैरत में डाल दिया है कि उसका फेसबुक खाता भी है जिसमें उसके दो हजार से अधिक दोस्‍त हैं। अब वह शेविंग, कटिंग, मसाज वगैरह के ऑनलाईन अप्‍वाइंटमेंट किया करेगा, जिसके लिए उसने स्‍वचालित कार्यक्रम बनवाकर अपने कंप्‍यूटर में इंस्‍टाल करवाया है। तकनीक के प्रति उसकी रुचि को देखकर मैं खुश हूं। वह कटिंग से पहले कंप्‍यूटर पर उसका पूर्वावलोकन करवाता है। पैसे का चाहे लोग कितना भी रोना रोएं परंतु यह बात सच है कि किसी के पास पैसे की कमी नहीं है। वहां पर अपनी हजामत बनवाने में एक सुखद अहसास होता है। तकनीक से जुड़ना कितना फायदेमंद हो सकता है, इसको लेकर उसके कई साक्षात्‍कार देश के राष्‍ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए हैं। वह कभी भी इस संबंध में लेक्‍चर पिलाने के लिए हरदम तैयार मिलता है।
खास बात यह है कि हजारीलाल ने स्‍नातकोत्‍तर डिप्‍लोमा भी अच्‍छे नंबरों और श्रेणी से उत्‍तीर्ण कर रखा है। एक प्रख्‍यात प्रशिक्षण संस्‍थान से उसने हज्‍जाम की ट्रेनिंग ली है। वह मानता है कि किसी कार्य को करने में शर्म नहीं, श्रम करना चाहिए। यही वजह है कि मैं रोजाना शेव जैसे कार्य को खुद न करके, उसके ठिकाने पर पहुंचने के लिए लालायित रहता हूं। वह ग्राहकों से प्राप्‍त जानकारी को एक दूसरे में बांटने का शुभ कार्य जो करता रहता है। वह अखबार मंगवाता जरूर है किंतु उन्‍हें पढ़ नहीं पाता नहीं है जिसका उसे बेहद दुख है। टीवी सुनकर हासिल ज्ञान को वह सदा पूरे आत्‍मविश्‍वास से बांटता है। उसकी दी गई पुख्‍ता जानकारी से सदा मुझे लाभ ही हुआ है।



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