चलो, ईश्‍वर को भारत का राष्‍ट्रपति बनाऍं : नई दुनिया 18 जुलाई 2012 के 'अधबीच' स्‍तंभ में प्रकाशित




हे ईश्‍वर, जब तू मिल गया है। तो तुझसे अच्‍छा कौन है, इसलिए सबने मिलकर तय किया है कि इस बार तुझे ही भारत का राष्‍ट्रपति बनायेंगे। इतना सुनहरा मौका भला क्‍यों कर गंवायेंगे। वरना तो इस अवसर को कोई भी अन्‍य देश कैश कर लेगा और हम फिर उधार हो जायेंगे। प्रत्‍येक भारतीय का मन गद्दा-गद्दा हो रहा है। गद्दे की क्‍वालिटी में किसी तरह का समझौता नहीं। आखिर ईश्‍वर को बरामद कर लिया गया है। ईश्‍वर की यह बरामदगी पुलिस ने नहीं, वैज्ञानिकों की टीम ने की है। इंसान पहले तो बहुत बड़ी-बड़ी खाईयों, अनंत आकाश, विशाल क्षितिज, गहरे समुद्रों, काले बादलों में अपने परमप्रिय ईश्‍वर को खोजता रहा। इसके साथ ही भारतीय ऋषि, मुनि, तपस्‍वी, साधु, संन्‍यासी ईश्‍वर की खोज में हिमालय की गुफाओं, कंदराओं, पर्वत शिखरों की खुदाई करते रहे।
ईश्‍वर वहां होता तो मिलता, वह तो एक चालाक बच्‍चे की तरह छोटे से कण में छिपकर बैठा रहा और उस कण की तरफ किसी आस्तिक का ध्‍यान ही नहीं गया। वो तो भला हो नास्तिकों के विश्‍वव्‍यापी समूह वैज्ञानिकों का कि उन सबने मिलकर आखिर ईश्‍वर का पता ढूंढ ही निकाला। बस अब उस पते पर उसे दबोचना ही शेष है। फिर तो इंसान विशेष और ईश्‍वर साधारण हो जाएगा।  ईश्‍वर एक छोटे से कण बहुत शांति से रह रहा था कि इंसान ने उसकी शांति में सेंध लगा डाली। आस्तिक इंसान ईश्‍वर को अपने बनाये बड़े-बड़े मंदिरों में कैद करके रखने का दंभ  पालता रहा।
ईश्‍वर है तो छोटे से कण में भला क्‍या रहेगा, वह तो विशालकाय दिव्‍य भव्‍य देशी-विदेशी मंदिरों में रहता होगा। सब यही सोचते रहे कि ईश्‍वर तो मेरे मंदिर में कैद है लेकिन मन रूपी छोटे से कण की ओर किसी का ध्‍यान नहीं गया। ईश्‍वर इतना गरीब थोड़े ही है कि किसी कण में झुग्‍गी डालकर रह रहा होगा, सब यही मानते रहे। यहीं पर आस्तिकों की हार हुई। वे ईश्‍वर को खोज नहीं पाए और वैज्ञानिकों ने मिलकर उस लघु किंतु दिव्‍य भव्‍य कण को संसार के सामने पेश करके कीर्तिमान बना लिया।
इंसान उस कण को इग्‍नोर करता रहा और ईश्‍वर से इंसान की दूरी बनी रही। खैर ... बकरे की अम्‍मा कब तक खैर मनाती, सो ईश्‍वर इंसान के चंगुल में आने से बच न सका। इंसान वह चेला है जो शक्‍कर हो जाता है और गुरु यानी ईश्‍वर गुड़। अब चाहे कोई कितना ही कुढ़ता रहे – इंसान का साम्राज्‍य यूं ही तेजी से बढ़ता रहेगा। ईश्‍वर तुम भी चाहो तो चुनौती स्‍वीकार कर लो और रोक सको तो रोक लो लेकिन हम सच्‍चे इंसान यानी भारतीय तुम्‍हें देश का राष्‍ट्रपति बनाने का मौका हथियाने से कतई नहीं चूकने वाले।

2 टिप्‍पणियां:

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