हिन्दी ब्लॉगिंग के विशाल संसार में मेरा छोटा सा छापाखाना
मौत का स्वागत करने की बधाई !
शुक्रिया संतोष जी। किंतु आज जनसत्ता नहीं आया।
बिल्कुल मत करिए जी हुज़ूरी ! अन्ना जीते हैं शान से, मरते हैं शान से !
ऐसी कोई मंशा नहीं है कि आपकी क्रियाए-प्रतिक्रियाएं न मिलें परंतु न मालूम कैसे शब्द पुष्टिकरण word verification सक्रिय रह गया। दोष मेरा है लेकिन अब शब्द पुष्टिकरण को निष्क्रिय कर दिया है। टिप्पणी में सच और बेबाक कहने के लिए सबका सदैव स्वागत है।
मौत का स्वागत करने की बधाई !
जवाब देंहटाएंशुक्रिया संतोष जी। किंतु आज जनसत्ता नहीं आया।
जवाब देंहटाएंबिल्कुल मत करिए जी हुज़ूरी ! अन्ना जीते हैं शान से, मरते हैं शान से !
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