छपन छपाई
हिन्दी ब्लॉगिंग के विशाल संसार में मेरा छोटा सा छापाखाना
लार का क्या है, टपकेगी ही : जनसंदेश टाइम्स दैनिक में 30 जून 2011 को प्रकाशित
महंगाई की जलेबी नहा रही है : डीएलए के 28 जून 2011 अंक में प्रकाशित
पेट्रोल बना रहा है पेट का रोल : दैनिक जनवाणी में 28 जून 2011 में प्रकाशित व्यंग्य
तरबूज बम का धमाका : दैनिक हिन्दी मिलाप में 25 जून 2011 के अंक में प्रकाशित व्यंग्य
बाबागिरी का धंधा है चोखा : दैनिक जनवाणी में 24 जून 2011 अंक में प्रकाशित व्यंग्य
ये दिल भटक क्यों न जाए : आई नेक्स्ट दिनांक 23 जून 2011 में प्रकाशित
लार टपक रही है : डीएलए दैनिक में 21 जून 2011 के अंक में प्रकाशित
पेट्रोल की प्रेम पाती : दैनिक हिन्दी मिलाप 21 जून 2011 में प्रकाशित
तरबूज बम बम : आई नैक्स्ट के 9 जून 2011 के अंक में खूब कही स्तंभ में प्रकाशित
नोटों को जलाना और उनका बिलबिलाना : इतवारीअखबार मासिक के 12 जून 2011 के अंक में प्रकाशित
नोट सुना रहे हैं अपनी व्यथा : युगधारा मासिक के जून 2011 अंक में प्रकाशित
दिल्ली में पब्लिसिटी के स्टंट : डीएलए में 14 जून 2011 को प्रकाशित
तरबूज बम का फेशियल : हरिभूमि 13 जून 2011 में प्रकाशित व्यंग्य
रावणलीला या रामलीला नहीं, पुलिसलीला : मिलाप हिन्दी में 11 जून 2011 को प्रकाशित
अब गधी के भी फिर जाएंगे दिन : दैनिक जनवाणी दिनांक 7 जून 2011 को प्रकाशित व्यंग्य
http://www.janwani.in/Details.aspx?article=True&boxid=13914156&ID=11575
बाबा बम डोले, तरबूज बम बोले : डीएलए में दिनांक 7 जून 2011 को प्रकाशित व्यंग्य
मौत की नाराजगी के सबब : दैनिक हिन्दी मिलाप के 6 जून 2011 के अंक में प्रकाशित
घोड़ों को देना होगा टैक्स : दैनिक भास्कर के रसरंग परिशिष्ट में प्रकाशित शिष्ट व्यंग्य
bhaskar.com/rasrang 5th June 2011
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