बात चौंकने की नहीं
कुत्तों के भौंकने की है
आप सही पढ़ रहे हैं
जो लिखा है वही
अविनाश वाचस्पति को
नाम के आगे मुन्नाभाई
चस्पां करने का दोषी
पाया गया है अतएव
हिंदी ब्लॉग जगत समुदाय
ने सजाए फांसी का फैसला
मुकर्रर किया है
जिस किसी को
हो आपत्ति
वह अपनी गर्दन
भी पेश करे
वरना यूं ही तर्क
कुतर्क पेश करके
समय और जाया करे।
कुत्तों के भौंकने की है
आप सही पढ़ रहे हैं
जो लिखा है वही
अविनाश वाचस्पति को
नाम के आगे मुन्नाभाई
चस्पां करने का दोषी
पाया गया है अतएव
हिंदी ब्लॉग जगत समुदाय
ने सजाए फांसी का फैसला
मुकर्रर किया है
जिस किसी को
हो आपत्ति
वह अपनी गर्दन
भी पेश करे
वरना यूं ही तर्क
कुतर्क पेश करके
समय और जाया करे।