हिन्दी ब्लॉगिंग के विशाल संसार में मेरा छोटा सा छापाखाना
पैसा पैसा करता है, तू सीएम क्यों नहीं बनता है : दैनिक जनसंदेश टाइम्स में 19 मार्च 2012 को प्रकाशित
बिना चश्मे और आंखें कम खोलकर पूरी तरह मन में उतारने के लिए यहां पर क्लिक करके पेज दस पर आकर, लेख पर क्लिक करिए और पढि़ए। फिर मत बहाने बनाइएगा कि मैं तो नहीं पढ़ पाया, इसलिए मायालाल बनकर मायाजाल में नहीं उलझ पाया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
ऐसी कोई मंशा नहीं है कि आपकी क्रियाए-प्रतिक्रियाएं न मिलें परंतु न मालूम कैसे शब्द पुष्टिकरण word verification सक्रिय रह गया। दोष मेरा है लेकिन अब शब्द पुष्टिकरण को निष्क्रिय कर दिया है। टिप्पणी में सच और बेबाक कहने के लिए सबका सदैव स्वागत है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
ऐसी कोई मंशा नहीं है कि आपकी क्रियाए-प्रतिक्रियाएं न मिलें परंतु न मालूम कैसे शब्द पुष्टिकरण word verification सक्रिय रह गया। दोष मेरा है लेकिन अब शब्द पुष्टिकरण को निष्क्रिय कर दिया है। टिप्पणी में सच और बेबाक कहने के लिए सबका सदैव स्वागत है।