अट्टहास मार्च 2013 हास्‍य-व्‍यंग्‍य : निहार लीजिए, मन करे तो पढ़ लीजिए







2 टिप्‍पणियां:

  1. इन दिनो आप बेह्तर लिख रहे हे,हमारी बधाइ और शुभ्काम्नाये....

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  2. कोशिश तो तर लिखने की रहती है यह 'बेह' कौन है ललित भाई

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ऐसी कोई मंशा नहीं है कि आपकी क्रियाए-प्रतिक्रियाएं न मिलें परंतु न मालूम कैसे शब्‍द पुष्टिकरण word verification सक्रिय रह गया। दोष मेरा है लेकिन अब शब्‍द पुष्टिकरण को निष्क्रिय कर दिया है। टिप्‍पणी में सच और बेबाक कहने के लिए सबका सदैव स्‍वागत है।